यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों अपनी सरकारों के तहत राज्यों में दलितों के लिए आरक्षण नीति को बदलने की कोशिश कर रही हैं। नई अंतर-आरक्षण व्यवस्था को लेकर हरियाणा के बाद की तेलंगाना और कर्नाटक सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस एक ही चट्टे-बट्टे हैं और उनसे समाज और संविधान को खतरा बढ़ गया है.
मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस की आलोचना की
बसपा प्रमुख ने अपने सोशल मीडिया पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा कि भाजपा और कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं और उन्होंने समाज और संविधान के लिए खतरा बढ़ा दिया है।
मायावती ने अगली पोस्ट में कहा, ”हरियाणा में बीजेपी सरकार के बाद अब तेलंगाना और कर्नाटक की कांग्रेस सरकारों ने भी दलितों को बांटने के लिए अपने आरक्षण के भीतर नई आरक्षण व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है. दरअसल, यह आरक्षण को निष्क्रिय और अप्रभावी बनाने की उनकी चल रही साजिश का एक नया प्रयास है।” बसपा प्रमुख ने कहा, ”भाजपा, कांग्रेस और सपा जैसी जातीय पार्टियाँ, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य हाशिए के लोगों की राजनीतिक शक्ति को खतरा मानती हैं। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का कारवां मजबूत बना रहे, इसके लिए मतभेदों के इरादों से बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
“दलितों को आपस में लड़ाने की साजिश है।”
मायावती ने इससे पहले 18 अक्टूबर को कहा था कि आरक्षण में अनुसूचित जाति (एससी) वर्गीकरण लागू करने का हरियाणा सरकार का फैसला दलितों को फिर से विभाजित करने और उन्हें आपस में लड़ने के लिए मजबूर करने की साजिश है।
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