दूरसंचार विभाग (DoT) ने डिजिटल भारत निधि, जिसे पहले यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड के नाम से जाना जाता था, के लिए अद्यतन दिशानिर्देश जारी किए हैं।
नए नियमों का उद्देश्य महिलाओं, विकलांग लोगों और आर्थिक रूप से वंचित समूहों सहित दूरदराज और कम सेवा वाले क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं में सुधार करना है।
दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत नए नियम
डिजिटल भारत निधि को विभिन्न परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो मोबाइल और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी जैसी दूरसंचार सेवाओं में सुधार करती हैं और दूरसंचार सुरक्षा को मजबूत करती हैं।
डिजिटल भारत निधि के लिए अधिनियम और इसके प्रावधानों का लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाना है। डिजिटल भारत निधि कई प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है:
- बेहतर कनेक्टिविटी: यह उन परियोजनाओं को वित्तपोषित करता है जो दूरसंचार सेवाएं और आवश्यक उपकरण प्रदान करती हैं।
- नवाचार और अनुसंधान: नवाचार, अनुसंधान और स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास का समर्थन करता है।
- मानक और स्टार्टअप: दूरसंचार क्षेत्र में मानक स्थापित करना और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना।
- सतत प्रौद्योगिकी: हरित प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
- सशक्तिकरण: समग्र विकास के लिए शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थानों, स्टार्टअप और उद्योग को जोड़ना।
फंड निर्धारित करता है कि सभी लाभार्थियों को खुले और गैर-भेदभावपूर्ण तरीके से दूरसंचार सेवाएं प्रदान करनी होंगी।
विधायी पृष्ठभूमि
दूरसंचार अधिनियम, 2023, जिसमें अध्याय 5 की धारा 24 से 26 में डिजिटल भारत निधि के प्रावधान शामिल हैं, दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित किया गया था। इसे 24 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया और उसी दिन आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया।
मंत्री का बयान
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया ने के जरिए नए नियमों पर टिप्पणी की
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये पहल 2047 तक भारत के विकसित देश बनने के लक्ष्य का समर्थन करती हैं।
सिद्धांतों की मार्गदर्शक
यह अधिनियम समावेशन (समावेश), सुरक्षा (सुरक्षा), विकास (वृद्धि) और जवाबदेही (त्वरित) के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है और इसका उद्देश्य विकसित भारत (विक्सित भारत) के दृष्टिकोण को साकार करना है।